"पहलगाम 2025 हमला: बैसरन घाटी में मासूमों पर कहर – सच्चाई, साजिश और सवाल"
पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल 2025):
1. हमले का विवरणस्थान: पहलगाम, अनंतनाग जिला, जम्मू-कश्मीर। हमला बैसरन घाटी में हुआ, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र केवल पैदल या खच्चरों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।समय: मंगलवार, 22 अप्रैल 2025, दोपहर लगभग 2:45 बजे।हमले का तरीका: आतंकवादियों ने घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने धर्म और नाम पूछकर चुन-चुनकर गोलियां मारीं। हमलावर पुलिस की वर्दी में थे और उनके पास AK-47 राइफल्स और बॉडीकैम थे।हमलावरों की संख्या: सूत्रों के अनुसार, हमले में 4 से 6 आतंकी शामिल थे, जिनमें 2 स्थानीय (त्राल और बिजबेहरा से) और 2-3 पाकिस्तानी आतंकी थे।जिम्मेदारी: हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली। जांच में पता चला कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है।
2. हताहत और घायलमृत्यु: विभिन्न स्रोतों के अनुसार, हमले में 26 से 28 लोगों की मौत हुई। मृतकों में 25 भारतीय, 1 नेपाली, और 1 यूएई नागरिक शामिल हैं।मृतकों में गुजरात के शैलेश कड़ाथिया, हरियाणा के विनय नरवाल, कानपुर के शुभम द्विवेदी, अरुणाचल प्रदेश के टागे हैलियांग, और कश्मीर के सैयद आदिल हुसैन शाह शामिल हैं।पश्चिम बंगाल के बिटान अधिकारी, जो फ्लोरिडा में रहते थे, अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने आए थे और इस हमले में मारे गए।घायल: 17 से 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ को अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ घायलों को स्थानीय लोग खच्चरों पर लादकर अस्पताल ले गए।अन्य नुकसान: हमले में कुछ घोड़े भी गोली लगने से घायल हुए।
3. प्रत्यक्षदर्शियों के बयानएक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, फिर चुन-चुनकर गोलियां चलाईं।असम के प्रोफेसर देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी दाढ़ी के कारण आतंकी उन्हें पहचान नहीं पाए। वे भीड़ में शामिल होकर कलमा पढ़ने लगे और इस तरह बच गए।कर्नाटक के कारोबारी मंजूनाथ की पत्नी ने बताया कि आतंकियों ने उनसे कहा, "तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो।"एक स्थानीय निवासी उमर ने कहा, "हमारे मेहमान छुट्टियां मनाने आए थे, लेकिन उन्हें ताबूत में वापस भेजा गया। यह सभी का नुकसान है।"
4. सुरक्षा बलों की कार्रवाईसर्च ऑपरेशन: हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), और CRPF ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना के 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे।हिरासत: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सैकड़ों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।हेल्पलाइन: जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए: श्रीनगर इमरजेंसी कंट्रोल रूम - 0194-2457543, 0194-2483651; आदिल फरीद, ADC श्रीनगर - 7006058623।NIA जांच: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम 23 अप्रैल को पहलगाम पहुंची और जांच शुरू की।
5. सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे और हवाई अढ्डे पर ही बैठक की। उन्होंने कहा, "ज़िम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा। चुन-चुनकर हिसाब लेना मेरी फितरत है।" उन्होंने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की ढाई घंटे की बैठक में 5 बड़े फैसले लिए।गृहमंत्री अमित शाह: शाह ने दिल्ली में हाई-लेवल मीटिंग बुलाई और श्रीनगर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सभी राज्यों से पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत वापस भेजने को कहा।जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला: अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की और कहा, "कश्मीरियों को दुश्मन मत समझिए, हम कसूरवार नहीं हैं।" उन्होंने 28 अप्रैल 2025 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया।अन्य नेता:राहुल गांधी, महबूबा मुफ्ती, योगी आदित्यनाथ, ओम बिरला, और असदुद्दीन ओवैसी ने हमले की कड़ी निंदा की।RSS ने इसे देश की एकता पर हमला बताया और सभी दलों से एकजुट होने की अपील की।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा: सिन्हा ने कहा, "हमलावरों को छोड़ा नहीं जाएगा।"
6. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएंअमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हमले की निंदा की। ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की और एकजुटता जताई।संयुक्त राष्ट्र: UN ने हमले को "भयानक" बताते हुए नागरिकों को निशाना बनाने को अस्वीकार्य ठहराया।यूएई और ईरान: दोनों देशों ने हमले की निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।पाकिस्तान: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस हमले में उनका कोई हाथ नहीं है।
7. भारत की जवाबी कार्रवाईकूटनीतिक कदम:भारत ने सिंधु जल समझौते से पीछे हटने का फैसला किया।पाकिस्तान में भारतीय दूतावास कर्मियों की संख्या घटाई गई और पाकिस्तान को भी अपने कर्मचारी कम करने को कहा गया।भारत ने पाकिस्तान के आधिकारिक X हैंडल को बैन कर दिया।सुरक्षा उपाय: हमले के बाद अमरनाथ यात्रा (3 जुलाई 2025 से शुरू) की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं। पहलगाम इसका प्रमुख बेस कैंप है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा है।आर्थिक प्रभाव: हमले के बाद श्रीनगर से उड़ानों के लिए टिकट कैंसिलेशन और रिशेड्यूलिंग शुल्क माफ कर दिए गए। कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द की, जिससे पर्यटन उद्योग पर असर पड़ा।
8. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावसार्वजनिक गुस्सा: हमले ने देश भर में गम और गुस्से की लहर पैदा की। कई लोगों ने आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।हस्तियों की प्रतिक्रिया:अभिनेता अक्षय कुमार और सोनू सूद ने हमले को "दुष्टता" करार दिया।सिंगर अरिजीत सिंह ने 27 अप्रैल 2025 को चेन्नई में होने वाला अपना कॉन्सर्ट रद्द कर दिया।धार्मिक एकजुटता: उधमपुर के एक मदरसे में मृतकों के लिए प्रार्थना की गई। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में काले बैंड बांटकर हमले की निंदा की।
9. हमले का संदर्भ और महत्वपहलगाम का महत्व: पहलगाम अब तक आतंकी हमलों से अपेक्षाकृत सुरक्षित रहा था। यह हमला दर्शाता है कि आतंकी अब कश्मीर घाटी से बाहर के इलाकों को भी निशाना बना रहे हैं।अमरनाथ यात्रा: हमले का समय महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि यह अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ। इससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।पूर्व योजनाबद्ध हमला: खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमास की तर्ज पर हिट-एंड-रन मॉड्यूल का इस्तेमाल किया। उन्होंने भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थल की रेकी की और सीक्रेट एन्क्रिप्टेड ऐप के जरिए लोकेशन साझा की।
10. वर्तमान स्थिति (25 अप्रैल 2025 तक)जांच: NIA और अन्य खुफिया एजेंसियां हमले की तह तक जाने के लिए काम कर रही हैं। दो आतंकियों की पहचान हो चुकी है, और एक आतंकी की तस्वीर भी सामने आई है।सुरक्षा ऑपरेशन: बांदीपोरा जिले में 25 अप्रैल को एक अन्य मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी अल्ताफ लाली को मार गिराया गया।सर्वदलीय बैठक: सरकार ने हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठी।पर्यटन पर प्रभाव: हमले के बाद ट्रैवल बुकिंग में भारी कमी आई है, और फ्लाइट कैंसिलेशन 7 गुना बढ़ गया है।
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